आज की हमारी जीवन शैली,रहन सहन इस प्रकार का हो गया है कि जो रोग, शारीरिक पीड़ाएं एक उम्र के बाद होते थे वो अब जीवन की किसी भी अवस्था में होने लगे हैं।उनमें से एक है बीमारी है सरवाइकल पैन (गर्दन का दर्द)। आज के समय में एक आम जिन्दगी इतनी अस्त -व्यस्त हो चुकी है कि उसे अपने शरीर पर ध्यान देने तक का समय नहीं है। हम शारीरिक व्यायाम से दूर हो चुके है जिस कारण कई बीमारियों को हम अपने शरीर में रहने का न्यौता दे देते हैं। यही वजह है कि आज के समय लोगों को रीढ की हड्डी से सम्बन्धित बीमारियां बढ़ती जा रही है।सरवाइकल पैन,शुरुआत में गर्दन के दर्द या अकड़न के साथ शुरू होता है या गर्दन के आस पास के हिस्से में दर्द रहने लगता है। अगर यह अधिक समय तक रहे तो यह सर्वाइकल में बदल जाता है। समय रहते देखभाल व पूर्ण इलाज लिया जाए तो इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। अगर शुरुआती समय में ध्यान ना दिया जाए तो समय के इसका दर्द इतना बड़ जाता है कि वो असहनीय बन जाता है।तथा जिसके बाद सामान्य इलाज से ठीक होना मुश्किल हो जाता है।जिसके चलते कई बार ऑपरेशन तक कराना पड़ सकता है। सरवाइकल पैन के प्रकार सर्वाइकल स्पॉन्डि
भोजन, सम्पूर्ण आहार ना होने पर यह अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बनता हैै। सम्पूर्ण आहार ग्रहण करने से हमारे शरीर को महत्वपूर्ण प्रकार के पोषक तत्वों की कमी पूर्ण हो जाती है। जिसके चलते हम बीमारियों से सुरक्षित रह पाते है। शरीर में किसी भी प्रकार के पोषक तत्व की कमी अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बनती हैै। भोजन में विविधता आवश्यक है,जिससे हमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व,विटामिन,मिनिरल्स,माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की बराबर मात्रा मिलती रहे।अगर हम एक ही प्रकार का भोजन बार बार करेंगे तो इससे एक प्रकार के पोषक तत्व की अधिकता वी अन्य की कमी देखी जा सकती है।जो कि अपने आप में बहुत नुकसान देह है। आयुर्वेद व आधुनिक रिसर्च में पाया गया है कि एक प्रकार का भोजन बार बार करने से हमें बीमारियों का सामना करना पड़ता है कई बार यह कैंसर का कारण भी देखा गया है। शरीर की इम्यूनिटी के कमजोर होने का कारण पोशक तत्वों का पूर्ण रूप में नए मिलना भी होता है।अगर हम शरीर को पूर्ण रूप से पोषित करते रहेंगे तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी अच्छा रख सकेंगे। भोजन में क्या शामिल करें। अनाज अलग अलग प्रकार के अनाजों क