क्या है द्राक्षासव? क्या है इसके फायदे आइये जानते हैं।
द्राक्षासव सिरप एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग पेट संबंधी रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। द्राक्ष एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है अंगूर।
इसे अंगूर का विखंडन कर बनाया जाता है। इसलिए यह एक प्रकार की कमजोर शराब है इसलिए यह नुकसान नहीं पहुंचती।
द्राक्षासव के फायदे।
◆यह मुख्य रूप से वात और पित्त दोष पर करती है।
यह हर प्रकार पेट सम्बंधित रोग पर कार्य करती है जैसे: कब्ज,कमजोर पाचन शक्ति,गैस का बनना,पेट फूलना,
◆साथ ही यह सर दर्द,बुखार, खून की कमी, कमजोरी, सांस लेने में समस्या में भी मददगार साबित हुई है।
◆ यह प्राकृतिक विखंडन प्रक्रिया के माध्यम से बनाया गया है जो बिना किसी नुकसान के प्राकृतिक रूप से शराब की इच्छा को पूरा करता है।।
सेवन की प्रक्रिया
◆ भोजन के पश्चात 4 चम्मच द्राक्षासव को 4 चम्मच पानी के मिला कर सेवन किया जा सकता है।
इसका सेवन दिन में दो बार करें।
दुष्प्रभाव
सामान्यतः इसके कोई हानिकारक प्रभाव नहीं लेकिन जब इसे अधिक मात्रा में लिया जाता है तो शायद कुछ लोगों को दस्त हो सकते हैं।
कितने लंबे समय तक इसका सेवन कर?
यह उस समस्या पर निर्भर करता है जिसके लिए आप डद्राक्षासव का उपयोग कर रहे हैं। भूख न लगना, दुर्बलता, या थकान जैसी स्थितियों में, यह एक महीने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। पुरानी कब्ज, बवासीर, एनीमिया, पेट के रोग, पुरानी निम्न श्रेणी के बुखार आदि जैसी पुरानी बीमारियों में, इसे लंबी अवधि के लिए या कम से कम 3 महीने तक लिया जाना चाहिए। इसका उपयोग बिना किसी दुष्प्रभाव के लंबे समय तक किया जा सकता है।
सलाह या सुझाव:
◆अगर आपके घर परिवार में कोई व्यक्ति पेट की समस्याओं से जूझ रहा है तो उन्हें इस दवाई का सेवन करने की सलाह जरूर दे।
"द्राक्षासव के उपयोग करने का सामान्य सिद्धान्त ताकत को संरक्षित करना, कमजोरी का इलाज करना और अच्छी भूख बनाये रखना"।
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-Naman Jain
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